काउंट डाउन... चंद्रयान-2: खतरों के बीच चंद्रमा पर भारतीय तकनीकी कौशल की सॉफ्ट लैडिंग

चंद्रमा पर चंद्रयान 2 की सॉफ्ट लैंडिंग के जरिए भारत दुनिया के सामने अपनी तकनीकी श्रेष्ठता का प्रदर्शन करेगा। अब तक अमेरिका, रूस और चीन ऐसा कर पाए हैं। इस किस्म की लैंडिंग की सफलता के लिए वह जगह सबसे महत्वपूर्ण है, जहां अंतरिक्ष यान को उतरना है। भारत ने इसके लिए चंद्रमा के दो क्रेटर (गड्ढों) सिम्पेलियस एन और मैनजिनस सी के बीच मौजूद नौ किमी लंबे समतल मैदान को चुना है। सात सितंबर की भोर से पहले पहले यहां यान को उतारा जाना है। वहीं एक वैकल्पिक साइट भी तैयार रखी गई है, जिसे योजना में बदलाव की स्थिति में उपयोग किया जा सकता है।