नगर निगम का करोड़ों का संपत्ति कर निजी संस्थान ही नहीं सरकारी विभाग भी दबाए बैठे हैं। नगर निगम ने 1600 से ज्यादा निजी बड़े बकाएदारों पर शिकंजा कसने के साथ-साथ बकाएदार सरकारी विभागों को भी अंतिम नोटिस भेजा है। नोटिस की अवधि में भी टैक्स जमा न कराने वाले सरकारी विभागों पर नगर निगम एक्ट के तहत खाते सीज करने की कार्रवाई की जा सकती है।
नगर आयुक्त दिनेश चंद्र सिंह ने बताया कि इस साल 188 करोड़ रुपये की वसूली का लक्ष्य तय किया गया है। अप्रैल 2019 से जनवरी 2020 तक संपत्ति कर के रूप में 111 करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है। बीते साल से करीब 20 करोड़ रुपये अतिरिक्त वसूली की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि करीब 1600 से ज्यादा बड़े बकाएदारों को नोटिस जारी कर कुर्की की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। संपत्ति कर व सर्विस चार्ज वसूली के लिए सरकारी विभागों को भी अंतिम नोटिस भेज दिए गए हैं।
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इन सरकारी विभागों पर भी है बकाया
रेलवे, दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन, दूरसंचार विभाग, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, ईएसआई अस्पताल, डाकघर, पुलिस विभाग, जिला विद्यालय निरीक्षक, वाणिज्य कर विभाग, अपर श्रमायुक्त कार्यालय, गन्ना विभाग आदि।
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लोगों की सहूलियत के लिए लगाए जाएंगे कैंप: नगरायुक्त
नगरायुक्त दिनेश चंद्र सिंह का कहना है कि जो नौकरीपेशा लोग कार्यालय समय में अपने संपत्ति कर का भुगतान नहीं कर सकते, उनके लिए अवकाश के दिनों में टैक्स वसूली कैंप लगाए जाएंगे। इसके लिए सभी जोनल अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि प्रत्येक रविवार व अन्य अवकाश के दिनों में कालोनियों में टैक्स कलेक्शन कैंप लगाए जाएं।
सरकारी विभाग भी दबाए बैठे हैं नगर निगम का संपत्ति कर